अदाणी-हिंडनबर्ग मामला

अदाणी-हिंडनबर्ग मामला

अदाणी-हिंडनबर्ग मामला

सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से बुधवार तक अंतिम दलीलें दाखिल करने को कहा नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने अदाणी- हिंडनबर्ग मामले में सभी पक्षों को बुधवार तक अंतिम दलीलें दाखिल करने के लिए कहा। इससे पहले इस मामले में एक याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जल्द लिस्टिंग और सुनवाई की मांग की है। याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि मामला 28 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन इसे टाला जा रहा है और सूचीबद्ध नहीं किया जा रहा है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह रजिस्ट्रार से इसकी जांच करने के लिए कहेगी । अधिवक्ता से कल फिर से इसका उल्लेख करने के लिए कहते पीठ ने कहा कि वह इसे देखेगी। अदालत के निर्देश पर अदाणी समूह से जुड़े 24 मामलों की जांच कर रही है सेबी इससे पहले भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर उसे अवगत कराया था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट से जुड़ी 24 जांचों में से 22 की जांच अंतिम चरण में जबकि और दो मामलों में अभी और जांच की जरूरत है। शीर्ष अदालत के 2 मार्च, 2023 के आदेश के निर्देशों के अनुपालन के तहत सेबी 24 मामलों की जांच कर रही है । मई के मध्य में, शीर्ष अदालत ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच करने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया था। शीर्ष अदालत ने दो मार्च को पूंजी बाजार नियामक सेबी को निर्देश दिया था कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मद्देनजर अदाणी समूह द्वारा प्रतिभूति कानून के किसी भी उल्लंघन की जांच करे । मामले में 2 मार्च को गठित की गई थी छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च को अदाणी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट से उत्पन्न मुद्दे पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया। समिति में शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम सप्रे की अध्यक्षता में छह सदस्य शामिल थे। शीर्ष अदालत ने तब सेबी से दो महीने के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। शीर्ष अदालत उस समय हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए नियामक तंत्र से संबंधित एक समिति का गठन भी शामिल था । 24 जनवरी की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अदाणी समूह की ओर से स्टॉक हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग को एक अनैतिक शॉर्ट सेलर बताया था, समूह के बयान में कहा गया था कि न्यूयॉर्क स्थित इकाई की रिपोर्ट झूठ के अलावा कुछ भी नहीं थी । प्रतिभूति बाजार में एक शॉर्ट सेलर को शेयरों की कीमतों में कमी से लाभ होता है।

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