
गुवाहाटी । असम विधानसभा के चल रहे सत्र में शुक्रवार को अभूतपूर्व दृश्य और अराजकता देखी गई, जब भाजपा विधायक रूपज्योति कुर्मी ने विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया और रायजोर दल के विधायक अखिल गोगोई का माइक तोड़ने की धमकी दी। भाजपा विधायक ने विधायक शेरमन अली को धमकाया और उन्हें उनकी सीट से भगा दिया, जिससे विपक्षी सदस्यों ने कुर्मी को सत्र से बाहर निकालने की मांग की। हालांकि, डिप्टी स्पीकर डॉ. नोमल मोमिन ने स्थिति को नियंत्रित किया और कुर्मी ने अपने व्यवहार के लिए माफी मांगी, लेकिन लगता है कि यह अनुचित घटनाक्रम विपक्षी खेमे को रास नहीं आया। हंगामा तब शुरू हुआ जब राजजोर दल के विधायक ने उस समय कुछ इशारा किया जब कुर्मी सदन में बोलने वाले थे । उत्तेजित कुर्मी ने पहले गोगोई पर चिल्लाया और धमकी दी कि वह उनके पास जाकर उनका माइक तोड़ देंगे। गोगोई पर हमला करते हुए कुर्मी ने कहा कि मैं आपके पास आकर आपका माइक तोड़ दूंगा। जब मैं बोल रहा हूं तो मुझे परेशान मत करना, नहीं तो मैं आपके पास खड़ा हो जाऊंगा और आपको बोलने नहीं दूंगा। सदन में अराजकता को देखते हुए विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया और एक अन्य विधायक शेरमन अली ने अपनी आवाज उठाई और चेयर से कुर्मी को तुरंत बाहर निकालने की अपील की। बाद में कुर्मी ने अली का पीछा भी किया, जिन्होंने उनके व्यवहार पर आपत्ति जताई । शैरमल अली ने कहा कि इस तरह की घटना सदन में पहले कभी नहीं हुई। सदन के एक सदस्य (कुर्मी) ने सदन में उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए असंसदीय शब्दों पर जब आपत्ति जताई तो वह मुझे पीटने वाले थे। कुर्मी ने एक सदस्य का माइक तोड़ने की धमकी दी और जब मैंने इस पर आपत्ति जताई तो वह मुझे पीटने के लिए मेरे पीछे दौड़े। यह निंदनीय है और अध्यक्ष को कुर्मी को सदन से शेष वर्ष के लिए निष्कासित करना चाहिए । बोडो और पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के विधायक दुर्गा दास बोरो ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि सदन के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अध्यक्ष की जिम्मेदारी है। अखिल गोगोई ने कहा कि यह संभवत: पहली घटना है जब किसी सदस्य ने सदन के अंदर विपक्ष के नेता को पीटने की कोशिश की है। सत्तारूढ़ दल के सदस्य ने सदन के अंदर अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया है और इसके बावजूद, अध्यक्ष ने दोषी सदस्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है । उन्होंने कहा कि यह असम में सरकार के फासीवादी रवैये को दर्शाता है।
