इजरायल ने गाजा के कई अस्पतालों को बनाया निशाना, मानवीय युद्धविराम के बीच हमास पर हमले जारी

इजरायल ने गाजा के कई अस्पतालों को बनाया निशाना, मानवीय युद्धविराम के बीच हमास पर हमले जारी

इजरायल ने गाजा के कई अस्पतालों को बनाया निशाना, मानवीय युद्धविराम के बीच हमास पर हमले जारी

जेरूसलम | इजरायल ने गाजा के कई अस्पतालों को अपना निशाना बनाया। साथ ही इजरायली सेना गाजा के घने शहरी इलाके में घुस चुकी है, जिस वजह से हमास को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंच रहा है। इजरायली हमले के बीच बड़े पैमाने पर लोगों ने दक्षिणी हिस्से की ओर रुख किया। बताया कि इजरायल ने आरोप लगाया है कि हमास के आतंकी अस्पतालों में छिपे हुए हैं, जिस वजह से अस्पतालों पर हमले किए जा रहे हैं। इजरायल ने कहा कि आतंकियों ने शिफा अस्पताल परिसर को अपना मुख्य कमांड सेंटर बना लिया है। बता दें कि शिफा अस्पताल गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल है और इसके आस-पास काफी संख्या में लोगों का बसेरा है। इसलिए माना जा रहा है कि हमास ने इस इलाके में अपना ठिकाना बनाया है। बताया गया कि इजरायली सेना अस्पताल से तीन किलोमीटर की दूरी पर आ चुकी है। आतंकी संगठन हमास द्वारा संचालित मीडिया कार्यालय के प्रमुख सलामा मारौफ ने बताया कि इजरायल ने शिफा प्रांगण और प्रसूति विभाग को निशाना बनाया। उन्होंने इस घटना से जुड़े एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें चीख-पुकार सुना जा सकता है । उन्होंने दावा किया कि इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हुई और कई लोग घायल हो गए। इसी बीच, व्हाइट हाउस ने कहा कि गाजा में चार घंटे मानवीय युद्ध विराम लागू होने से काफी संख्या में लोगों ने दक्षिण की तरफ पलायन किया है। साथ ही लोगों के लिए दूसरा रास्ता खोलने पर भी सहमति बनी। हालांकि, फलस्तीनी क्षेत्रों के लिए संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ फ्रांसेस्का अल्बानीज ने इस विराम की निंदा की। उन्होंने कहा कि ये विराम वैसा ही है, जैसे किसी युद्ध क्षेत्र में कुछ पलों के लिए सांस लेने के लिए छूट मिली हो । इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने किसी समझौते की बात को खारिज करते हुए कहा कि हमास के खिलाफ लड़ाई जारी है, लेकिन एक निश्चित अवधि के लिए हमले रुके हैं, ताकि वहां से नागरिकों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाया जा सके। उन्होंने कहा कि हम गाजा के लोगों को एक सुरक्षित रास्ता देना चाहते हैं । गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इजरायली हमले में अब तक 10,800 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने इस आंकड़े को झूठा बताया है।

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