इलाज के बहाने डॉक्टर बनकर बदमाशों ने एक परिवार को सम्मोहित कर चार लाख रुपये लूटे

इलाज के बहाने डॉक्टर बनकर बदमाशों ने एक परिवार को सम्मोहित कर चार लाख रुपये लूटे

इलाज के बहाने डॉक्टर बनकर बदमाशों ने एक परिवार को सम्मोहित कर चार लाख रुपये लूटे

जयपुर, 20 नवंबर (हि.स.)। प्रताप नगर थाना इलाके में इलाज के बहाने डॉक्टर बनकर दो बदमाशों ने एक परिवार को सम्मोहित कर चार लाख रुपये की लूट का मामला सामने आया है। पुलिस ने लूट के शिकार हुए परिवार के बयानों के आधार पर मामला दर्ज कर जांच में जुटी है। जांच अधिकारी एसआई सुरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रताप नगर के रहने वाले 73 वर्षीय व्यक्ति ने मामला दर्ज करवाया है कि उसकी पत्नी को चलने में परेशानी है और वह पत्नी को सेक्टर-26 प्रताप नगर स्थित सरकारी होम्योपैथिक अस्पताल लेकर गए थे। अस्पताल से बाहर निकलकर ऑटो रिक्शा में बैठ रहे थे। तभी एक स्कूटर पर युवक आया। रुकने की कहकर स्कूटर बंद कर बोला कि माताजी को दूर से देखा कि उनको चलने में दिक्कत है, इसलिए आपको बता रहा हूं। मेरी माताजी को भी ऐसी तकलीफ थी। हमें एक आर मर्चेंट नाम का डॉक्टर मिला था। वह मुंबई में अलग-अलग शहरों में जाकर देसी तरह का इलाज करता है। उसने मेरी माताजी को बिल्कुल ठीक कर दिया। अब तो मेरी माताजी सीढ़ियां भी चढ़ जाती है। युवक ने अपने पिता से डॉक्टर मर्चेंट का मोबाइल नंबर लेकर देने के लिए कहा।। बोला- आप बात कर लेना आर मर्चेंट डॉक्टर घर आकर देखने की एक हजार रुपये फीस लेते है। दो दिन से वैशाली नगर आए हुए है, मेरे पिताजी ने बताया था। बात होने के बाद उसके मोबाइल से खुद का नंबर मिलाकर कॉन्टैक्ट नंबर एक्सचेंज कर लिए। युवक दीपक शर्मा के नाम से मोबाइल नंबर सेव करने को कहकर चला गया। शाम को मोबाइल देखने पर दीपक शर्मा के 4 मिस कॉल आए हुए थे। कॉल करने पर दीपक ने आर मर्चेंट डॉक्टर के नंबर दिए। कॉन्टैक्ट करने पर आर मर्चेंट डॉक्टर से बात हुई। आर मर्चेंट ने अगले दिन दोपहर को आने का फिक्स कर एड्रेस मांगा। लोकेशन भेजने की कहने पर मर्चेंट ने एड्रेस लिखकर वॉट्सऐप करने के लिए कहा। अगले दिन टाइम पर डॉक्टर मर्चेंट अपने साथी को लेकर घर आया। दोनों के पास काले कलर के बैग थे। पत्नी को देखकर बताया कि उनकी टांगो में वात की वजह से मवाद भरा है। निकलने से आराम मिलेगा। मवाद निकालने की देसी प्रक्रिया करके दो बार पीला-भूरा मवाद निकाल कर सफेद कागज की शीट पर रखा। बोले- इस बार की प्रक्रिया के 2 हजार दो सौ रुपये लगेंगे। 10 मिनट की बातचीत के दौरान न जाने क्या हुआ कि वह, उसकी पत्नी और बेटा-बहू सब सम्मोहित हो गए। उसकी बातों और क्रियाओं की प्रतिक्रिया नहीं कर सके। बल्कि डरने का आभास होने लगा। मैं कहता रहा कि जितने पैसे लगे मेरी पत्नी का इलाज करो। मर्चेंट मुंह पर छोटी पाइप लगाकर मवाद खींच रहा था। दूसरा आदमी उस मवाद पर चम्मच से आटा डालकर ढक रहा था। बोला- आटे से ढकेंगे नहीं तो आंखें खराब हो सकती हैं। कैलकुलेटर निकालकर करीब पांच लाख रुपए मांगे। इमरजेंसी के लिए रखे चार लाख रुपए उन्हें दे दिए। सम्मोहित कर रुपए लेकर जाते-जाते उन्होंने कहा कि एक महीने तक किसी को कुछ मत बताना। इसके बाद मर्चेंट ने वॉट्सऐप पर दवाइयों के पैकेट के फोटो भेजे। मर्चेंट ने दवा दौसा में मिलने के बारे में बताया। बात करके दवाई मंगवाने को कहा। तीन दवाइयों के लिए सांगानेर में बर्तन वाली गली में मस्जिद के अंदर मिलने की कहा। धोखाधडी की गैंग के चंगुल में फंसने का एहसास होने पर कॉल उठाने बंद कर दिए। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर मोबाइल नंबर के आधार पर शातिरों की तलाश शुरू कर दी है।

Skip to content