उत्तर कोरिया ने 1000 कंटेनरों में रूस भेजे हथियार और गोला-बारूद, व्हाइट हाउस ने किया दावा

उत्तर कोरिया ने 1000 कंटेनरों में रूस भेजे हथियार और गोला-बारूद, व्हाइट हाउस ने किया दावा

उत्तर कोरिया ने 1000 कंटेनरों में रूस भेजे हथियार और गोला-बारूद, व्हाइट हाउस ने किया दावा

वाशिंगटन । यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष जारी है। इस बीच व्हाइट हाउस ने बड़ा दावा किया है। व्हाइट हाउस का कहना है कि उत्तर कोरिया ने रूस को 1000 से अधिक कंटेनर सैन्य उपकरण और युद्ध सामाग्री पहुंचाई है। हाल ही में उत्तर कोरिया के तानाशाह राष्ट्रपति किम जोंग उन रूस यात्रा पर गए थे। संभावना है कि इस दौरान दोनों देशों के बीच योजना पर चर्चा की गई होगी। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को बढ़ावा देने के किम जोंग उन हथियारों के बदले रूसी हथियार प्रोद्योगिकियों की मांग कर रहा है। व्हाइट हाउस ने बताया कि सात सितंबर को युद्ध सामाग्री और हथियारों से भरे कंटेनरों को उत्तर कोरिया के नाजिन बंदरगाह पर जहाज में लादा गया, जो एक अक्तूबर को रूस के डुने बंदरगाह पर पहुंचे। जहाजों पर रूसी झंडा फहर रहा था। इसके बाद कंटेनरों को दक्षिण-पश्चिमी रूस तक पहुंचाने के लिए ट्रेन की मदद ली गई। अमेरिका ने इसकी फोटो भी जारी की है। इससे पहले अमेरिका ने आरोप लगाया था कि उत्तर कोरिया अपने सहयोगी देश रूस को गोले-बारूद, तोपखाने के और रॉकेट उपलब्ध करा रहा है। अमेरिकी अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि पुतिन और किम जोंग जल्द ही हथियार सौदे पर पूर्वी रूसी शहर व्लादिवोस्तोक में मुलाकात करने वाले हैं। उत्तर कोरिया भी इस डील को लेकर उत्सुक है। यही वजह है कि उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन, जो आमतौर पर देश से बाहर नहीं जाते हैं, वह रूस के दौरे पर गए थे। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने उस वक्त कहा था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच रूस में बैठक के बारे में सवालों के जवाब में चेतावनी जारी की थी। उन्होंने कहा था कि उत्तर कोरिया और रूस के बीच हथियारों की बिक्री में दलाली करने वाली संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए हमने पहले ही कई कार्रवाई की है। अगर जरूरी हुआ तो हम आगे भी अतिरिक्त कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यह परेशान करने वाली बात है कि रूस और उत्तर कोरिया सहयोग बढ़ाने पर चर्चा कर रहे हैं, जो संयुक्त राष्ट सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन कर सकता है।

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