
गुवाहाटी। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को असम में जल मेट्रो सेवाओं की संभावना तलाशने के लिए तकनीकी व्यवहार्यता अद्ययन को मंजूरी देने के लिए केंद्रीय को बदलने की दिशा में एक कदम बताया। शर्मा ने एक माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट पर लिखा कि असम के विशाल नदी नेटवर्क के साथ, जल मेट्रो बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर इस कदम की सराहना करते हुए इसे नदी तटीय क्षेत्रों में शहरी गतिशीलता गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर जैसे स्थानों में शहरी गतिशीलता को बदलने में बेजोड़ क्षमता प्रदान करती है । यह सराहना ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले ही मंत्री सोनोवाल ने कोच्चि जल मेट्रो की व्यापक समीक्षा के बाद घोषणा की थी कि गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर सहित भारत भर के 24 शहरों के लिए व्यवहार्यता अध्ययन को मंजूरी दे दी गई है। कोच्चि जल मेट्रो की सफलता भारत की परंपरा और नवाचार को एक साथ लाने की क्षमता का एक शानदार प्रमाण है। यह दर्शाता है कि स्वच्छ, आरामदायक और कुशल जल-आधारित परिवहन किस तरह से शहरी क्षेत्रों में लोगों के आवागमन के तरीके को बदल सकता है, सोनोवाल ने कोच्चि प्रणाली के प्रमुख टर्मिनलों का दौरा करने के बाद कहा । कोच्चि में भारत की पहली एकीकृत जल मेट्रो को पहले से ही अनुकरण के एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें किफायतीपन और दक्षता का मिश्रण है। इस प्रणाली के असम तक प्रस्तावित विस्तार से अंतिम मील तक सम्पर्कता को बढ़ावा मिलने, यातायात का बोझ कम होने तथा राज्य के प्रमुख शहरी केंद्रों में पारंपरिक परिवहन के लिए एक पर्यावरण अनुकूल विकल्प उपलब्ध होने की उम्मीद है। इस पहल को एक टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन मॉडल बताते हुए सोनोवाल ने कहा कि प्रस्तावित अध्ययन से भीड़भाड़ कम करने, हरित आवागमन को बढ़ावा देने और भारत के ऐतिहासिक जलमार्गों को पुनर्जीवित करने के लिए रोडमैप तैयार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जल मेट्रो की अवधारणा नदी नौवहन की हमारी सभ्यतागत विरासत में निहित है, जिसे अब अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और यात्री – अनुकूल सुविधाओं के साथ आधुनिक बनाया गया है। कोच्चि वाटर मेट्रो की आगंतुक पुस्तिका में लिखे संदेश में सोनोवाल ने इस सेवा को अद्वितीय बताया तथा कहा कि इसने जल यात्रा को और अधिक रोमांचक, आरामदायक और आनंददायक बना दिया है।
