गूगल ने एकाधिकार के लिए खर्च किए 2630 करोड़ डॉलर मोबाइल बनाने वाली व टेलीकॉम कंपनियों को दिया पैसा

गूगल ने एकाधिकार के लिए खर्च किए 2630 करोड़ डॉलर मोबाइल बनाने वाली व टेलीकॉम कंपनियों को दिया पैसा

गूगल ने एकाधिकार के लिए खर्च किए 2630 करोड़ डॉलर मोबाइल बनाने वाली व टेलीकॉम कंपनियों को दिया पैसा

नई दिल्ली । गूगल ने मोबाइल फोन व अन्य उपकरणों में अपने सर्च इंजन को पहले से इंस्टॉल करवाने के लिए स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों और टेलीकॉम कंपनियों को साल 2021 में 2,630 करोड़ डॉलर दिए । ऐसा करके उसने इंटरनेट सर्च इंजन के क्षेत्र में अपना एकाधिकार बनाए रखा । अमेरिकी न्याय विभाग और कई राज्यों की ओर से गूगल के खिलाफ प्रतिस्पर्धा को खत्म करने के लिए अनुचित तौर-तरीके अपनाने और अपना एकाधिकार कायम करने के आरोपों के साथ दायर मुकदमे में यह जानकारी सामने आई है। इनके जरिये सार्वजनिक किए गूगल सर्च प्लस मार्जिन नामक दस्तावेज में यह सामने आया है। आरोप है कि गूगल ने एपल सफारी, डकडकगो जैसे प्रतिद्वंदियों को सर्च इंजन के क्षेत्र में स्थापित होने से रोकने के लिए यह पैसा दिया । इन कंपनियों को दिया गया पैसा.. अभी सामने नहीं आया कि हर कंपनी को गूगल ने कितना पैसा चुकाया। हालांकि, अनुमान हैं कि सबसे ज्यादा पैसा आईफोन व अन्य उपकरण बनाने वाली कंपनी एपल को मिला। पूर्व में अनुमान था कि अकेले एपल को 1,900 करोड़ मिले। बाकी पैसा पाने वाली कंपनियों में मोटोरोला, एलजी, सैमसंग और अमेरिकी टेलीकॉम कंपनियां जैसे एटी एंड टी, टी-मोबाइल, वेरिजोन और वेब ब्राउजर बनाने वाली कंपनियां जैसे मोजीला, ओपेरा, यूसीवेब शामिल हैं। वर्ष 2021 में 12.17 लाख करोड़ रुपये कमाए.. सर्च प्लस मार्जिन दस्तावेज के अनुसार, गूगल ने इंटरनेट सर्च कारोबार से 2021 में 14,600 करोड़ डॉलर कमाए। रुपये में यह राशि करीब 12.17 लाख करोड़ है। इसमें से 2,630 करोड़ डॉलर यानी करीब 2.20 लाख करोड़ रुपये का भुगतान उसने कंपनियों को किया। खास बात है कि उसने इस राशि ट्रैफिक अधिग्रहण लागत (टीएसी) के रूप में खर्च दिखाई। यह भी सामने आया कि उसने 2014 में सर्च कारोबार से 4,700 करोड़ डॉलर कमाए थे, यानी 7 साल में कमाई तीन गुना बढ़ी। वहीं, 2014 में ही टीएसी 710 करोड़ डॉलर थी, इसमें करीब चार गुना इजाफा हुआ।

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