
जयपुर ( हिंस) । गोविंद देवजी मंदिर में हर रविवार को भारतीय संस्कृति के अनुसार जन्मदिन और विवाह दिवस संस्कार हवन के साथ मनाने पर जोर देने के आह्वान के साथ रविवार को आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में सुबह नौ से ग्यारह बजे तक नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ हुआ । गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के विद्वानों की टोली ने यज्ञ संपन्न कराया । मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने पूजा अर्चना कर यज्ञ का शुभारंभ किया। तीन पारियों में करीब तीन सौ श्रद्धालुओं ने यज्ञ देवता को आहुतियां अर्पित की। प्रारम्भ में गोविंद देव जी, वेद माता गायत्री, आचार्य श्री राम आचार्य, वन्दनीय माताजी भगवती देवी का पूजन किया। आचार्य पीठ से दिनेश आचार्य ने कहा कि यदि अग्निहोत्र की ओर ध्यान दिया जाये तो न केवल व्याधियां नष्ट हो जाएं, देश में आध्यात्मिक वातावरण भी बन जाए। उसके द्वारा चारित्रिक उत्थान का स्वप्न भी साकार हो सकेगा । चरक ने लिखा है कि आरोग्य प्राप्त करने की इच्छा वालों को विधिवत हवन करना चाहिए । बुद्धि शुद्ध करने की यज्ञ में अद्भुत शक्ति है। यज्ञ से तपेदिक के रोगियों की चिकित्सा की । 80 प्रतिशत रोगियों को इस विधि से पूर्ण लाभ हुआ । वर्तमान समय में लोगों को यज्ञ की शक्ति समझना होगी, तभी इस भाग दौड़ भरे जीवन में बीमारियों से बचे रहेंगे। यज्ञ को जहां एक ओर मानव और देवों के बीच संबंध स्थापित करने का माध्यम माना गया है। वहीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से वातावरण परिशोधन में महत्वपूर्ण भूमिका बताई गई है। इसी कारण गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा गायत्री यज्ञ को महत्व प्रदान करते हुए इसे जन- जन के बीच ले जाया गया । हर रविवार को मना सकेंगे जन्म दिन विवाह दिवस संस्कार मंदिर में हर रविवार को यज्ञ के साथ जन्म दिन या विवाह दिवस संस्कार कराने के लिए शनिवार को मोबाइल नंबर 9828019916 पर नि: शुल्क पंजीयन करवाना होगा । सभी व्यवस्था मंदिर की ओर से की जाएगी। जन्मदिन पर श्रद्धालु पंच तत्व का पूजन करेंगे। सभी लोग उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए पुष्प वर्षा कर आशीर्वाद प्रदान करेंगे। इसी प्रकार विवाह दिवस संस्कार भी मनाया जाएगा। दोनों संस्कारों का आध्यात्मिक महत्व महत्व बताते हुए भावी जीवन के लिए नए संकल्प कराए जाएंगे। दोनों संस्कारों में केक काटना, मोमबती बुझाना सहित अन्य कोई गतिविधियों पर रोक रहेगी ।
