
गुवाहाटी (हि.स.)। असम विधानसभा में सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर गो-तस्करी को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि गौ हमारी मां हैं, उनकी रक्षा करना हमारा धर्म है। उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेस ने गौ- तस्करी के सिंडिकेट के पैसे से चुनाव लड़ा ? उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल मैं सिर्फ 77 गौ-तस्करों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि हमारी सरकार ने पिछले चार वर्षों में चार हजार से अधिक गौ-तस्करों को गिरफ्तार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वह कांग्रेस में थे, तब उन्हें स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग सौंपा गया था और उन्होंने इन विभागों में क्रांति लाई । उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि तत्कालीन सरकार में जानबूझकर मुझे वन विभाग से दूर रखा गया, क्योंकि एक आंतरिक समूह वहां संगठित तरीके से शिकार का सिंडिकेट चला रहा था। उन्होंने असम में सुपारी सिंडिकेट को लेकर भी बड़े एलान किए। उन्होंने कहा कि मैं असम के विकास के लिए व्यवस्थागत परिवर्तन की सिफारिश करता हूं। हम असम से बाहर सुपारी के निर्यात को रोकने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए असम में सुपारी संसाधन केंद्र स्थापित करने हेतु समझौता किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले किसी ने हमें ऐसे सुझाव क्यों नहीं दिया ? समस्या को खत्म करने की इच्छा सभी में होनी चाहिए। उन्होंने राज्य में भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को लेकर कहा कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के साथ काम कर रही है। 2021 से अब तक इस सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार में लिप्त 24 राजपत्रित अधिकारियों, 80 द्वितीय श्रेणी कर्मचारियों और 30 से अधिक अन्य अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। यह अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा। एक सोशल मीडिया पोस्ट में ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रग्स के खिलाफ असम सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि असम को नशा मुक्त बनाने की ईमानदार कोशिश है। हम असम को नशे और आतंकवाद की भूमि बनने नहीं देंगे और इसलिए यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि 2021 से अब तक असम में 2600 करोड़ रुपए की ड्रग्स जब्त की गई है और यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
राज्य में सुपारी उद्योग स्थापित किया जा सकता है : विस में सीएम
गुवाहाटी । असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने राज्य में सुपारी उद्योग स्थापित करने की योजना की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने यह बयान सोमवार को विधानसभा में दिया । वर्तमान सरकार ने राज्य में संस्थाओं और विभागों की प्रचलित प्रणालियों में किस प्रकार परिवर्तन लाने का काम किया है, इस बारे में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने सदन से पूछा कि राज्य में सुपारी उद्योग क्यों नहीं स्थापित किया जा सका । मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि कई विधायकों ने मुझसे संपर्क किया है और पूछा है कि मैं असम की सुपारी\ को दूसरे राज्यों में जाने की अनुमति क्यों नहीं देता। वे अक्सर इस बात पर जोर देते हैं कि ऐसे कदमों से किसानों और खेती करने वालों पर नकारात्मक असर पड़ता है । मेरा सवाल यह है कि हम असम में ही सुपारी उद्योग क्यों नहीं लगा सकते ? इसी सुर में शर्मा ने कहा कि दो उद्योगपतियों ने असम में सुपारी उद्योग स्थापित करने की मंशा जताई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे विधानसभा में यह बताते हुए खुशी हो रही है कि एडवांटेज असम 2.0 सम्मेलन के दौरान दो औद्योगिक घरानों ने असम में सुपारी इकाइयां स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे असम की सुपारी राज्य से बाहर जाने से रुकेगी और किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि असम सीधी भर्ती परीक्षा (एडीआरई) का पारदर्शी संचालन, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल का व्यापक उपयोग, भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों की गिरफ्तारी और ड्रग्स और अवैध शराब जैसे कुछ रैकेटों पर कार्रवाई वर्तमान सरकार की पारदर्शिता की पहचान है। राज्य में गैंडों के अवैध शिकार के बारे में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में गैंडों के अवैध शिकार के मामलों में भारी कमी आई है। इस मामले पर पिछली सरकार से सवाल करते हुए मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या गैंडे के सींगों का इस्तेमाल चुनाव के वित्तपोषण के साधन के रूप में किया गया था। शर्मा ने पूछा कि पिछली सरकार के दौरान गैंडों के शिकार के मामले 20 या उससे भी ज्यादा हो गए थे। अब यह घटकर साल में एक या दो रह गए हैं। राज्य में इतने सारे गैंडे क्यों मारे गए ? क्या उनके पास शिकार की समस्या को रोकने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी ? क्या इसका उद्देश्य चुनावों के लिए पैसे जुटाना था ? उन्होंने आगे कहा कि उमरंगसो रैट होल खनन त्रासदी के बाद सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया है कि न्याय और पारदर्शिता बरकरार रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने डेटा प्राप्त करने के लिए उपग्रहों के रूप में नई तकनीक का इस्तेमाल किया है। इसके अलावा, हमने मामले की जांच के लिए न्यायमूर्ति अनिमा हजारिका आयोग का गठन भी किया है। विपक्ष के नेता ने भी अदालत में मामला दायर किया है। मामले का न्यायोचित तरीके से फैसला किया जाएगा। यह सरकार किसी को भी कोई संरक्षण नहीं देगी।
