
नई दिल्ली. भारतीय ऑटोमोबाइल और टेक्नोलॉजी उद्योग में एक बड़ा बदलाव आने वाला है, क्योंकि ग्लोबल ऑटोमोबाइल उत्पादक कंपनी टेस्ला भारतीय बाजार में अपना कदम बढ़ाने की योजना बना रही है। टेस्ला की भारत में मैन्युफैक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए बातचीत के दौरान, भारतीय उत्पादकों के लिए एक बड़ा अवसर खुलने की संभावना है। टेस्ला के भारत में प्रवेश के बाद, टाटा ग्रुप की कंपनियां जैसे टीसीएस, टाटा ऑटोकॉम्प, टाटा टेक्नोलॉजीज और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने टेस्ला के महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता बनने का मौका पकड़ा है। इसके साथ ही भारतीय कंपनियों को भी विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक नया द्वार खोलने का अवसर मिलेगा। टेस्ला ने भारतीय कंपनियों से विभिन्न घटकों की खरीदारी की योजना बनाई है, जिनमें वायरिंग हार्नेस, इलेक्ट्रिक मोटर्स, गियरबॉक्स, फोर्ज्ड पार्ट्स, कास्टिंग्स, शीट मेटल, उच्च मूल्य वाली इलेक्ट्रॉनिक्स, सस्पेंशन सिस्टम्स और इलेक्ट्रिक पावरट्रेन शामिल हैं। भारत के अनेक क्षेत्रों में जानी- मानी उत्पादकों के साथ करार कर टेस्ला ने भारतीय उत्पादकों के लिए नए व्यापारिक अवसर खोले हैं। इस बड़े कदम के साथ, टेस्ला के भारत में भविष्य के योजनाएं में भी भारतीय आर्थिक संगठनों और कंपनियों की साइबर में सहयोग और भागीदारी की संभावना है। इसके साथ ही टेस्ला की स्थिति मजबूत होने से भारतीय उद्यमियों को भारतीय औद्योगिक क्षेत्र में माजूद रोजगार और उत्पादन के विस्तार का आधार प्राप्त होगा। इस तरह, टेस्ला के भारत में विदेशी उत्पादकों के साथ संबंध बनाने से न केवल उद्यमियों का पूंजी लाभ होगा, बल्कि भारतीय उत्पादकों को भी दुनिया के स्तर पर स्थान बनाने का मौका मिलेगा।
