डिप्रेशन से डरें नहीं

डिप्रेशन से डरें नहीं
डिप्रेशन से डरें नहीं

जिंदगी हमें तरह-तरह के रंग दिखाती है। इसमें हमें कभी खुशियों की सौगात मिलती है, तो कभी दुख का अहसास भी होता है। कई बार हमारे जीवन का दुख काफी लंबा हो जाता है जो, डिप्रेशन यानी अवसाद का कारण बन सकता है। यह जीवन पर पडने वाला ऐसा काला साया है, जिससे जीवन के प्रति रुचि खत्म होने लगती है और दिन-प्रतिदिन के कामकाज से भी मन उचट जाता है, लेकिन अब इस मनोरोग से छुटकारा संभव है… डिप्रेशन के कई कारण हो सकते हैं। किसी व्यक्ति के निजी जीवन से जुड़ी कई बातें भी डिप्रेशन के लिए जिम्मेदार होती हैं। जैसे हमारे जीवन में आने वाले महत्वपूर्ण पड़ाव जिसमें किसी प्रियजन का बिछड़ना, नौकरी का छूट जाना, विवाह संबंधों में टूटन, शिक्षा के क्षेत्र में असफलता और इस तरह की अन्य समस्याएं अवसाद का कारण बनती हैं। इसके अलावा जीवन के प्रति नकारात्मक सोच रखने वाले लोग अवसाद या डिप्रेशन से कहीं ज्यादा ग्रस्त होते हैं। जैसे वे सोचते हैं कि मैं सफल नहीं होऊंगा, इसलिए यह कार्य नहीं कर सकता या फिर कई लोगों के मन में हमेशा कुछ न कुछ अनहोनी का डर बना रहता है जिससे उनके अवसाद में जाने का खतरा बना रहता है। कुछ समस्याएं ऐसी हैं, जिनके कारण व्यक्ति अवसाद में जा सकता है। जैसे थायराइड से संबंधित बीमारियां, विटामिन डी की कमी और पारिवारिक, सामाजिक और आर्थिक समस्याएं आदि। कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण भी व्यक्ति डिप्रेशन की स्थिति में पहुंच सकता है।

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