‘थिएटर कमांड’ बनाने की प्रक्रिया भारतीय सशस्त्र बलों के महत्त्वाकांक्षी सुधारों में से एक : सीडीएस

'थिएटर कमांड' बनाने की प्रक्रिया भारतीय सशस्त्र बलों के महत्त्वाकांक्षी सुधारों में से एक : सीडीएस

'थिएटर कमांड' बनाने की प्रक्रिया भारतीय सशस्त्र बलों के महत्त्वाकांक्षी सुधारों में से एक : सीडीएस

सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने रूसी - यूक्रेन संघर्ष के चलते क्षेत्र में बढ़ी अशांति पर चिंता जताई वायु सेना प्रमुख ने क्षमता विकास, प्रौद्योगिकी आत्मसात, संयुक्तता और एकीकरण पर जोर दिया नई दिल्ली, (हि.स.)। भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान का कहना है कि आजादी के बाद सशस्त्र बलों के पुनर्गठन के लिए 'थिएटर कमांड' बनाने की प्रक्रिया भारतीय सशस्त्र बलों के लिए सबसे महत्वाकांक्षी सुधारों में से एक है । सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने रूस- यूक्रेन संघर्ष के चलते क्षेत्र में बढ़ी अशांति पर चिंता जताई। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने वायु सेना के आधुनिकीकरण के लिए व्यापक प्रस्तुत किया, जिसमें क्षमता विकास, प्रौद्योगिकी आत्मसात, संयुक्तता और एकीकरण पर जोर दिया गया। नई दिल्ली में एक संगठन की ओर से आयोजित 'इंडिया डिफेंस कॉन्क्लेव' को सीडीएस जनरल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने संबोधित किया। सीडीएस ने तीनों सेनाओं में व्यापक परिवर्तन की योजना तैयार करने के लिए सेना प्रमुखों और स्वयं के बीच आम सहमति बनाने को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि परिवर्तन के प्रयास से नौ प्रमुख कार्य क्षेत्रों की पहचान हुई है, जिसमें परिचालन, परिचालन- लॉजिस्टिक्स, प्रशिक्षण, मानव संसाधन, प्रशासन और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन शामिल हैं। भारत के दूसरे सीडीएस जनरल चौहान ने 'थिएटर कमांड' के बारे में इस बात पर प्रकाश डाला कि आम सहमति महत्वपूर्ण होने के साथ ही सामूहिक उद्देश्यों को हासिल करने में समझौते की बात भी महत्व रखती है। कॉन्क्लेव में थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने घरेलू रक्षा उद्योग की प्रगति के बारे में विवरण साझा किया। उनके अनुसार कुल 340 स्वदेशी रक्षा उद्यम 2025 तक 230 अनुबंधों को साकार करने में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं, जिसमें 2.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा । उन्होंने चल रहे रूसी-यूक्रेन संघर्ष पर चिंता जताते हुए कहा कि इसने क्षेत्र में अश- ांति को और बढ़ा दिया है। इन सबके बीच पूंजीगत खरीद के लिए आपातकालीन खरीद प्रावधानों कसे क्क्कके तहत 17,500 करोड़ रुपये के परिव्यय वाले लगभग 68 अनुबंध पूरे हो गए हैं। आपातकालीन खरीद प्रावधान कर के तहत 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 73 अनुबंध किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हथियार और उपकरणों के अलावा सशस्त्र बल सैन्य अनुप्रयोगों के लिए तैयार की गई 45 वि - शष्ट प्रौद्योगिकियों पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं ।

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