दक्षिणी गाजा शहर में घुसी इजराइली सेना, घायलों के भरे अस्पताल, यूएन चीफ ने उठाया बड़ा कदम

दक्षिणी गाजा शहर में घुसी इजराइली सेना, घायलों के भरे अस्पताल, यूएन चीफ ने उठाया बड़ा कदम

दक्षिणी गाजा शहर में घुसी इजराइली सेना, घायलों के भरे अस्पताल, यूएन चीफ ने उठाया बड़ा कदम

यरूशलम / तेल अवीव । इजराइली सैनिक दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शहर के बीचोंबीच पहुंचे और हमास के साथ आमने-सामने की जंग लड़ी। सुरक्षित क्षेत्र न होने के बावजूद फलस्तीनी नागरिकों को अन्यत्र भागने को मजबूर होना पड़ा। सात अक्तूबर से जारी दो माह का यह संघर्ष सबसे भारी चरण में पहुंच गया। यहां इजराइली जंगी विमानों ने घनी आबादी वाले तटीय क्षेत्र के लक्ष्यों पर ताबड़तोड़ बमबारी की । इस लड़ाई का असर यह हुआ कि अस्पताल मृतकों और घायलों से भर गए हैं। इनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। फलस्तीनी डॉक्टरों ने कहा, अस्पतालों में मेडिकल आपूर्ति खत्म हो रही है। आम नागरिक शरण तलाश रहे हैं लेकिन उन्हें सड़कों पर ही रहना पड़ रहा है। इजराइली सेना टैंकों के साथ दक्षिणी शहर की तरफ बढ़ी और खान यूनिस शहर को घेरकर गोलीबारी शुरू कर दी। उसने एक स्कूल के पास एक आतंकी सेल सहित सैकड़ों ठिकानों पर हमला बोला। हमास की सशस्त्र शाखा, अल- कसम ब्रिगेड ने कहा कि लड़ाई काफी भीषण थी और इसमें अज्ञात संख्या में लोग मारे गए व घायल हुए हैं। उसने कहा, इजराइली टैंक खान यूनिस शरणार्थी शिविर के किनारे पर तैनात थे । गाजा में संघर्ष के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बड़ा कदम उठाते हुए यूएन चार्टर के अनुच्छेद् 99 को लागू किया और औपचारिक रूप से गाजा में स्थिति को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भेजा है। यूएन चीफ ने सुरक्षा परिषद से गाजा में मानवीय संकट को रोकने का आग्रह किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुटेरेस ने यूएनएससी के अध्यक्ष को एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि संघर्ष ने इजराइल और अधिकृत फलस्तीनी क्षेत्र में भयावह मानवीय पीड़ा और मानव विनाश पैदा किया है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने गाजा के नागरिकों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला है, जो गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं। गुटेरेस ने आरोप लगाया है कि गाजा में नागरिकों के लिए कोई प्रभावी सुरक्षा नहीं है और कोई सुरक्षित नहीं है। बमबारी में एक घर से भागे फलस्तीनी नागरिक हमदी तनीरा बोले, मैं भाग्यशाली था जो भाग आया। उस घर में 20 बच्चों समेत 30 लोग सो रहे थे । उनमें कोई भी शायद ही बचा हो। एक अन्य जीवित बचे अमल मेहदी ने कहा, यह एक चमत्कार था कि हमें मलबे से निकाला गया। नासिर अस्पताल के डॉ. अल-अहद ने कहा, मैंने ऐसा दृश्य कभी नहीं देखा, लाशें रखने की जगह नहीं है, इलाज मुश्किल है। ताजा संघर्ष में दक्षिणी गाजा में सहायता आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है ।

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