दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर रसाई से जुड़ी खादय साम्रगी बेचेगी मोदी सरकार

दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर रसाई से जुड़ी खादय साम्रगी बेचेगी मोदी सरकार

दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर रसाई से जुड़ी खादय साम्रगी बेचेगी मोदी सरकार

नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली मेट्रो से हर रोज लोग बड़ी संख्या में यात्रा करते हैं। इसके बाद में डीएमआरसी यात्रियों के सफर को सुविधाजनक बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। इसमें केंद्र सरकार भी समय-समय पर अपना योगदान देती रहती है। इसी कड़ी में अब केंद्र सरकार, दिल्ली मेट्रो के साथ मिलकर यात्रियों के लिए रसोई की आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने की एक अनूठी सुविधा पेश करने वाली है। एक रिपोर्ट में बताया गया कि केंद्र सरकार इस महीने राजधानी के प्रमुख मेट्रो स्टेशनों पर रिटेल स्टोर खोलकर उपभोक्ताओं को रियायती कीमतों पर प्याज, दाल और आटा जैसी रसोई की जरूरी चीजें उपलब्ध कराएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर दिल्ली मेट्रो में यह प्रोजेक्ट सफल रहा, तब इस मुंबई, चेन्नई और बेंगलूरु जैसे अन्य शहरों तक ले जाया जाएगा, जहां मेट्रो रेल नेटवर्क है। खाद्य आवश्यक वस्तुओं में गेहूं, चावल, दालें, चीनी, प्याज की बढ़ी कीमतें केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। 2024 के लोकसभा चुनावों में यह एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। कहावत है कि दिल का रास्ता पेट से होकर जाता है। इसके बाद इस कदम के माध्यम से मोदी सरकार की नजर मतदाताओं का दिल जीतने पर होगी। पहला रिटेल स्टोर सेंट्रल दिल्ली के राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर खोला जाएगा, ताकि वहां आने वाले लोगों की भारी भीड़ का फायदा उठाया जा सके। इसका स्वामित्व और संचालन नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीसीएफ) के पास होगा। बता दें कि एनसीसीएफ एक संगठन है, जो सरकार की ओर से कृषि वस्तुओं जैसे खाद्यान्न, दालें, मसाले, तेल के बीज, फार्मास्युटिकल आइटम और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद करता है और उपभोक्ताओं को उचित दरों पर यह वस्तुएं बेचता भी है । एनसीसीएफ दिल्ली के मेट्रो स्टेशनों पर 15-20 स्टोर खोलने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में, यह सब्सिडी वाले खाद्य पदार्थ बेचने के लिए शहरों में मोबाइल वैन चलाता है । लेकिन इस कार्यक्रम की पहुंच सीमित है । आसमान और कम बारिश के कारण, खुदरा महंगाई जुलाई में 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.44 प्रतिशत पर थी, खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति बढ़कर 11.5 प्रतिशत हो गई, जो साढ़े तीन साल में सबसे अधिक है। खाद्य मुद्रास्फीति, गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने, चीनी, प्याज और चावल के शिपमेंट को प्रतिबंधित करना, . दालें आयात करना, और अपने स्वयं के स्टॉक से गेहूं, चावल और प्याज जैसी सब्जियां बेचने जैसे केंद्र के प्रयासों के बाद से धीमी हो गई है। लेकिन अक्टूबर में यह अब भी 6.61 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर बनी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया कि मेट्रो स्टेशनों पर इन स्टोरों को खोलकर, मोदी सरकार बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं तक पहुंचने और उन्हें दी जा रही सब्सिडी का लाभ उठाने में मदद करने का इरादा रखती है।

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