फियो की नकदी संकट कम करने पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान की मांग

फियो की नकदी संकट कम करने पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान की मांग
फियो की नकदी संकट कम करने पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान की मांग

नई दिल्ली भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) ने मंगलवार को कहा कि नौ अप्रैल से लागू 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क से अमेरिकी आयातकों का सीमा शुल्क बिल काफी बढ़ जाएगा जिससे भारतीय निर्यातकों को भुगतान में देरी होगी। संगठन ने सरकार से आग्रह किया कि वह बढ़ते नकदी संकट को कम करने के लिए तुरंत पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान की घोषणा करे। फियो के एक प्रमुख अधिकारी ने कहा कि नौ अप्रैल से अमेरिकी आयातकों को 26 प्रतिशत शुल्क अग्रिम रूप से देना होगा। पहले यह शून्य से चार प्रतिशत था । उच्च शुल्क उन पर अतिरिक्त बोझ डालेंगे और इसके लिए उन्हें ऋण लेना होगा तथा हमारे भुगतान में देरी होगी। उन्होंने कहा कि अमेरिकी शुल्क हमारे भुगतान चक्र को प्रभावित करने जा रहे हैं। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह सभी निर्यातकों के लिए ब्याज छूट योजना की तत्काल घोषणा करे। भारत में रेपो दर लगभग 6.25 प्रतिशत है तथा निर्यातकों को आठ से 12 प्रतिशत या इससे भी अधिक ब्याज देना पड़ता है जो कि प्राधिकृत डीलर बैंकों द्वारा उधारकर्ता के जोखिम मूल्यांकन तथा प्रसार पर निर्भर करता है । प्रतिस्पर्धी देशों में ब्याज दर बहुत कम है। मिसाल के तौर पर 2025 में चीन में केंद्रीय बैंक की दर 3.1 प्रतिशत, मलेशिया में तीन प्रतिशत, थाइलैंड में दो प्रतिशत और वियतनाम में 4.5 प्रतिशत है। ब्याज सब्सिडी योजना पिछले साल समाप्त हो गई और इस योजना का करीब 11,000 निर्यातक लाभ उठाते थे। वाणिज्य मंत्रालय निर्यात संवर्धन मिशन के तहत इस योजना को फिर से विकसित करने पर काम कर रहा है जिसकी घोषणा बजट में 2,250 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ की गई थी । रल्हन ने कहा कि अमेरिका में खरीदार ऑर्डर की पुष्टि करने और उच्च आयात शुल्क के प्रभाव को कम करने के लिए 12-14 प्रतिशत छूट की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे सभी शुल्कों को वहन करने के लिए तैयार नहीं हैं। हमें उनके साथ बोझ साझा करना होगा। वे हमें खेपों को रोकने के लिए कह रहे हैं। भारतीय निर्यातक तीन से चार प्रतिशत छूट दे सकते हैं।

फियो की नकदी संकट कम करने पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान की मांग
फियो की नकदी संकट कम करने पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान की मांग