भविष्य से मुलाकात

भविष्य से मुलाकात
भविष्य से मुलाकात

तो भविष्य मुलाकात नहीं करता, लेकिन कोशिश हो तो हर पैगाम पे इकरार करता। हिमाचल के बजट की एक खूबी इसके सशक्त पैगाम की है जो भविष्य को रेखांकित कर रहा है। यह कोशिश हर क्षेत्र को तैयार कर रही है और कहीं न कहीं यह संदेश भी दे रही है कि खाके बदलेंगे और बजट के मायने भी । यह इसलिए भी कि विपक्ष के संदेह नीतियों, नियमों और घोषणाओं को लेकर नहीं, सीमित संसाधनों में बड़े सपनों को पूरा करने में हैं। जाहिर है हिमाचली सपनों की लागत महंगी है, इसलिए कुछ घर में समेटने और कुछ बाहर दिखाने की है । ये छोटे प्रयास से बड़े नतीजे प्राप्त करने की जद्दोजहद है । यह औकात में रह कर जज्बात बड़ा करने की बात है। बजट का आधार यूं तो आय की मूंगफली में व्यय के छिलके उतारने का रहा है, लेकिन सीमित चादर में अपने पांव की हालत सुनिश्चित की जा सकती है। सुक्खू ने बजट में इरादों को इंगित और इच्छाशक्ति को सुगंधित किया है। वह वित्तीय जरूरतों का आर्थिक तरक्की से गुजर जाने का संदेश दे रहे हैं, इसी तड़प में युवाओं को जीना सिखाते हैं। वह युवाओं को परिवहन जरूरतों में स्वरोजगार का ढांचा दिखा रहे हैं, तो पर्यटन के हिसाब में उन्हें स्वावलंबन की गिनती सिखा रहे हैं । अब स्टार्टअप के नजरिए से हिमाचल को सोचना है, तो युवाओं के हाथों में सिर्फ कलम नहीं, दिमाग में भविष्य के कारनामे भरने होंगे। इन पंक्तियों के लेखक को एक यूट्यूब चैनल का फोटोग्रॉफर याद आ रहा है, जमा दो के बाद अपने प्रोफेशन का महारथी है। विशाल नामक यह युवा पहले वीडियो बनाता, फिर उसे संपादित करता और उसके बाद डिजिटल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर चढ़ा कर मानिटर ही नहीं करता, बल्कि उससे अर्जित आय से अपनी आजीविका का हुनर भी आजमा रहा मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में धर्मशाला की मेहनतकश लड़कियों का जिक्र किया है जो आजीविका के हुनर को परवान चढ़ाने में सब्जी विक्रेता बन गईं। शिक्षा के प्रसार में आजीविका के हुनर की मौलिकता अब हिमाचल की जरूरत है और इस दृष्टि से बजट कुछ प्रोत्साहन, कुछ दृष्टि और संबोधन कर रहा है। उदाहरण के लिए मत्स्य पालन या ट्राऊट पालन में युवाओं के भीतर का विज्ञान कोशिश करे, तो ज्ञान से आजीविका का हुनर परिपक्व होगा। इसी तरह ग्रामीण आर्थिकी में नए प्रयासों से माहौल सराबोर होता है, तो डेयरी के माध्यम से स्वरोजगार के द्वार पूरी तरह खुल जाएंगे। यह दीगर है कि स्वरोजगार के ढांचे में सरकार की ओर से अधिक से अधिक कैपिटल इन्वेस्टमेंट चाहिए। प्रदेश अगर टूरिज्म स्टेट की तरह आगे बढ़ रहा है, तो युवाओं को आगे बढने के लिए निरंतर प्रयास की जरूरत रहेगी। इस दिशा में ग्रामीण पर्यटन की दिशा में नए संकल्प, नए विकल्प खोजने होंगे। हालांकि पर्यटन की नई मंजिलें खोजी जा रही हैं, लेकिन पूरे उद्योग के मानकों में सुधार की गुंजाइश है। हर विधानसभा में सभी विभागों के सहयोग से एक-एक पर्यटक गांव नक्शे पर लाया जा सकता है। फोरलेन के निर्माण के साथ-साथ हाई-वे टूरिज्म विलेज तथा हाई-वे फूड मार्ट की प्लानिंग भी हो जाए, तो सडक़ मार्गों से आ रहे पर्यटक के रुकने के बहाने बढ़ जाएंगे ।

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