
भाजपा, कांग्रेस और अकाली दल ने कानून व्यवस्था पर उठाए सवालचंडीगढ़ (हिंस) । पंजाब के पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के आवास पर ग्रेनेड हमले की घटना के बाद पंजाब में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य की आम आदमी पार्टी (आआपा) सरकार चौतरफा घिर गई है। पंजाब के विपक्षी दलों ने एकजुटता के साथ आम आदमी पार्टी सरकार को घेर लिया है। मनोरंजन कालिया के घर पर हुए हमले के विरोध में आज भाजपा कार्यकर्ताओं ने जालंधर में प्रदर्शन भी किया। पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इस मामले में आआपा सरकार और पुलिस के रोल पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने बताया है कि गृहमंत्री अमित शाह ने मनोरंजन कालिया से बात कर मामले की जानकारी ली है। जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है। जाखड़ ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की लीडरशिप में दम नहीं है । सब कुछ दिल्ली वाले चला रहे हैं। दिल्ली से मनीष सिसोदिया जैसे अन्य कई नेताओं को पंजाब में लाया गया है। शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि आज मैंने भाजपा नेता मनोरंजन कालिया से कल रात हुए ग्रेनेड हमले के बारे में जानकारी लेने और उनका हालचाल जानने के लिए बात की। पुलिस चौकी से 100 मीटर दूर इन हमलावरों की बेखौफ हरकत पंजाब के जंगल राज की कहानी बयां करती है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान से इस्तीफा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है, इसका भाईचारा और कानून व्यवस्था का दुरुस्त रहना बहुत जरूरी है। मौके की संवेदनशीलता को समझते हुए तुरंत इस्तीफा दें, क्योंकि आप पंजाब को संभालने में बुरी तरह विफल रहे हैं । जालंधर कैंट से कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि मैं पूर्व मंत्री और भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के आवास पर ग्रेनेड हमले की कड़ी निंदा करता हूं । भगवंत सिंह मान की सरकार में पंजाब में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और राज्य अराजकता की ओर बढ़ रहा है। भगवंत मान आप सिर्फ मुख्यमंत्री के तौर पर ही विफल नहीं हो रहे हैं बल्कि गृह मंत्री के तौर पर भी आप पूरी तरह विफल रहे हैं। पंजाब के आम लोगों के लिए क्या उम्मीद है। पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के आवास पर ग्रेनेड हमला पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के कार्यकाल में बढ़ती हिंसा की एक कड़ी याद दिलाता है। उनके पदभार संभालने के बाद से कई विस्फोट हुए हैं। यह पैटर्न कानून और व्यवस्था बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण चूक को रेखांकित करता है। यदि मुख्यमंत्री नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते हैं, तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए ।
