
अधिक पूंजी और प्रतिस्पर्धा के लिए सरकार से उपाय अपनाने की अपील
नई दिल्ली
भारतीय आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने देश के लिए निवेश- अनुकूल माहौल बनाने के लिए एक आधुनिक और प्रभावी नियामकीय ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया है। वैश्विक आर्थिक दबावों के कारण विदेशी निवेश पर हुई गिरावट को देखते हुए उन्होंने सरकार से नीतिगत सुधारों की मांग की है। नागेश्वरन ने बजट के बाद आयोजित वेबिनार में बताया कि भारत अब एक आकर्षक निवेश गंतव्य बन रहा है, लेकिन इसके लिए नियामकीय स्पष्टता और व्यापार संचालन को सरल बनाने की जरूरत है। उन्होंने अधिक पूंजी और प्रतिस्पर्धा के लिए सरकार से उपाय अपनाने की अपील की है। इससे पहले भी सरकार ने एफडीआई नीति में सुधार की घोषणा की थी, जिसमें बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को 74 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने की प्रस्तावना शामिल है। यह कदम नवाचार और पूंजी प्रवाह को बढ़ावा देगा। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2024 में देश की आउटवर्ड एफडीआई प्रतिबद्धताएं करीब 2.28 बिलियन कम हो गईं हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में हैरान करने वाली है। यह स्थिति दिखाती है कि नवीन और स्पष्ट नीतिगत सुधारों की आवश्यकता है। नागेश्वरन ने कहा कि भारत को आपसी निवेश बढ़ाने और नए व्यापारिक अवसरों को उद्घाटन करने के लिए रचनात्मक आशावाद को बनाए रखना होगा। यह न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाएगा बल्कि आर्थिक विकास में भी मदद करेगा।
