गौरव गोगोई की पत्नी के तार पाकिस्तान से जुड़े, जांच के लिए इंटरपोल की मदद पर विचार

नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि भारत के आंतरिक मामलों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की दखल की जांच के लिए इंटरपोल जैसी एजेंसी की मदद ले सकते हैं। दरअसल शर्मा ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तानी नागरिक अली तौकीर शेख का कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की ब्रिटिश पत्नी से तार जुड़े हैं। असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और इसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पहले ही दे दी गई है। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, यह मसला बेहद संवेदनशील है । मैंने गृह मंत्री को इसकी जानकारी दे दी है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि इस मामले की जांच फिलहाल एसआईटी कर रही है, लेकिन हम इसकी जांच केवल एक निश्चित सीमा तक ही कर सकते हैं। इसलिए इसकी जांच के लिए इंटरपोल जैसी अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी से मदद लेनी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच अभी शुरुआती चरण में है और आने वाले समय में इसकी जांच जहां तक संभव होगा सरकार वहां तक ले जाएगी। इस मामले में सीएम शर्मा और भाजपा गोगोई के खिलाफ हमलावर हैं। उल्लेखनीय है कि असम और भारत के बारे में पाकिस्तानी नागरिक की सोशल मीडिया पर टिप्पणी की जांच के लिए राज्य की पुलिस ने 17 फरवरी को एसआईटी का गठन किया था। दरअसल शेख पाकिस्तान के योजना आयोग का सलाहकार और गोगोई की ब्रिटिश पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न का पूर्व सहयोगी रहा है। शेख के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। असम का गृह मंत्रालय भी संभाल रहे सीएम शर्मा ने कहा कि एसआईटी ने पाकिस्तानी नागरिक से जुड़ी कई जानकारी जुटाई है । शर्मा ने कहा कि शेख ने जब भी भारत का दौरा किया, उस दौरान उसके साथ पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल सहित कई लोग भी साथ रहे। उसके दौरे 2018 तक जारी रहे। शेख ने 18 से 20 बार भारत का दौरा किया और उस दौरान उसने असम के बारे में सोशल मीडिया पर टिप्पणी की और असमिया लोगों के संपर्क में रहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने उस असमिया महिला का पता लगा लिया है, जिसका पति जेएनयू में काम करते हैं और दोनों उस पाकिस्तानी नागरिक के साथ संपर्क में थे। उन्होंने कहा कि जांच किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि ऐसा लगता है कि भारत के अंदर आईएसआई और पाकिस्तान की सरकार दखल दे रही है और उसकी जांच जरूरी है। यह उल्लेखनीय है कि इसमें असम के लोग संलिप्त हैं, इसलिए हम इसपर नजर रख रहे हैं। लेकिन इसपर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। इसके लिए दोत- तीन महीने का वक्त चाहिए।
