
होजाई (निसं)। रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के असमिया विभाग ने विभाग स्नातक कक्षा में विश्व कविता दिवस मनाया। विभागाध्यक्ष डॉ. वीना सैकिया की अध्यक्षता में आयोजित उक्त कार्यक्रम का संचालन सहायक अध्यापक देवराज मिली ने किया। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए डॉ. सैकिया ने असमिया कविता की शैली के बारे में कहा कि कविता मानव आत्मा की धड़कन है और यह गहन अभ्यास के माध्यम से प्राप्त की जाने वाली कला है। वहीं सहायक अध्यापक देवराज मिल्ली ने कार्यक्रम के महत्व को समझाया और छात्रों को प्रासंगिक विषयों पर प्रेरित किया, जैसे कि एक सार्थक कविता कैसे बनाई जाती है, आधुनिक कविता की पृष्ठभूमि, छात्रों को अग्रणी कवियों के प्रति सम्मान कैसे रखना चाहिए, और पुरानी चीजों की नींव पर नई चीजें उगती हैं। कार्यक्रम के बाद विभाग के शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच कविता पाठ का कार्यक्रम आयोजित किया गया। विभाग के शिक्षक देवराज मिली ने कवि नीलमणि फुकन की कविता और स्वरचित कविता पढ़ी। इसके बाद डॉ. मल्लिका डेका, जदुमणि गोगोई, पल्लवी कथार, जूरी नाथ, बंदिता पातर और शिवानी गोगोई ने कविता का पाठ किया। वहीं, छात्रों में शोध छात्रा हीरा ज्योति दत्ता, विभाग के छात्र अनूप बोरो, प्रीतिरानी भौमिक, साजिदुर रहमान, अंकुर ज्योति बोरा, शिखामणि सेकिया, रूपाली देवी, सुस्मिता चौहान, प्रार्थना तालुकदार, रूपांजलि दास और जस्मिना बेगम ने भी कविता का पाठ कर उपस्थित लोगों का मन जीत लिया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. वीना सेकिया ने कार्यक्रम का विश्लेषण किया तथा सभी प्रतिभागियों से कविता के क्षेत्र में जिम्मेदार बनने का आग्रह किया। कार्यक्रम का समापन असम के राष्ट्रगान ओ मोर अपोनार देश के साथ हुआ।
