
नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण जारी है। इसी बीच आज (27 मार्च) लोकसभा से इमीग्रेशन बिल पास हो गया। घुसपैठ और अवैध अप्रवास रोकने के मकसद से लाए गए इस बिल का नाम इमिग्रेशन एंड फॉरेन बिल 2025 (अप्रवासन और विदेशी विधेयक) है। इस विधेयक के महत्व का जिक्र करते हुए लोकसभा में गृह मंत्री ने कहा कि जो प्रवासी भारत के विकास के लिए आ रहे हैं, हम उनका स्वागत करते हैं। जो लोग देश में शिक्षा के लिए, व्यापार के लिए, रिसर्च के लिए आते हैं हम उनका स्वागत करते हैं। पीएम मोदी का लक्ष्य है कि साल 2047 तक हमारा देश एक विकसित राष्ट्र बने। इसी वजह से हम कई पुराने कानूनों को खत्म किया । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आव्रजन कोई अलग मुद्दा नहीं है। देश के कई मुद्दे इससे जुड़े हुए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह जानना बहुत जरूरी है कि देश की सीमा में कौन घुसता है। हम उन लोगों पर भी कड़ी नजर रखेंगे जो देश की सुरक्षा को खतरे में डालेंगे। अमित शाह ने आगे कहा कि 10 साल में हमारा अर्थतंत्र 11वें नंबर से 5वें नंबर पर पहुंच गया है। पूरी दुनिया के अर्थतंत्र की सूची में भारत एक चमकदार जगह बनकर उभरा है। भारत मैन्युफैक्चरिंग का हब बनने जा रहा है। ऐसे में हमारे यहां विश्वभर से लोगों का आना बड़ा स्वभाव है। हमारा इमीग्रेशन का स्कैन और साइज दोनों बहुत बड़ा है। इसके साथ-साथ शरण लेने की जगह पर उनके निहित निवास और देश को असुरक्षित करने वालों की संख्या भी बढ़ती है। ऐसे में जो लोग भारत की व्यवस्था में योगदान देने के लिए आते हैं, व्यापार और शिक्षा के लिए आते हैं, ऐसे सभी लोगों का स्वागत है, चाहे वो रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी हो। अगर लोग यहां गंदगी फैलाने के लिए आते हैं तो इन लोगों के साथ बड़ी दोस्ताना व्यवहार नहीं किया जा सकता। यह विधेयक भारत में एंट्री और बाहर जाने के लिए पासपोर्ट वीजा, पंजीकरण और विदेशियों के नियमन से जुड़ा हुआ है। इस बिल के कानून बनने के बाद इमिग्रेशन और विदेशी नागरिकों से जुड़े 4 पुराने कानूनों को भी खत्म किया जाएगा। जिससे अवैध घुसपैठियों से देश का पीछा छूटेगा । इमिग्रेशन एंड फॉरेन बिल 2025 के कानून बनने के बाद सरकार 4 कानून खत्म हो जाएंगे। जिनमें फॉरेनर्स एक्ट 1946, पासपोर्ट एक्ट 1920, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट 1939 और इमिग्रेशन एक्ट 2000 शामिल हैं।
