
इंफाल | सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई ने रविवार को मणिपुर हिंसा का समाधान खोजने की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मणिपुर राज्य में हो रही समस्याओं का समाधान संवैधानिक तरीकों से किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अगर बातचीत की जाए तो समाधान जल्दी मिल सकता है। बता दें कि इन दिनों सुप्रीम कोर्ट क पांच न्यायाधीशों का प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के दो दिवसिय दौरे पर है। इसी दौरान न्यायमूर्ति गवई ने ये बातें कही। न्यायमूर्ति गवई ने मणिपुर उच्च न्यायालय की स्थापना की 12वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह में कहा कि राज्य में हर कोई शांति चाहता है । उन्होंने कहा कि कोई भी मौजूदा हिंसा या संघर्ष की स्थिति को जारी नहीं रखना चाहता। साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि राज्यपाल के प्रयासों से मणिपुर में जल्द ही शांति और सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। न्यायमूर्ति गवई ने आगे अपने मणिपुर यात्रा को महत्वपूर्ण बताया। कारण का जिक्र करते हुए गवई ने कहा कि मणिपुर वह जगह है जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस और भारतीय राष्ट्रीय सेना ने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया था और 1944 में पहली बार भारतीय ध्वज फहराया गया था । न्यायमूर्ति गवई ने आगे कहा कि हमारा देश संविधान को अपनाए हुए 75 साल मना रहा है और जब हम भारत को अपने पड़ोसी देशों से तुलना करते हैं, तो यह साफ होता है कि हमारा संविधान हमें एकजुट और मजबूत रखता है। न्यायमूर्ति गवई ने बताया कि उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान मणिपुर के चूड़ाचांदपुर और बिष्णुपुर में राहत शिविरों का दौरा किया। साथ ही वहां के लोगों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि वहां उपस्थित सभी लोगों ने शांति की बहाली की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर के लोग वर्तमान स्थिति को जारी रखने के बजाय संवैधानिक तरीकों से राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए एकजुट होकर काम कर सकते हैं। इसके अलावा, न्यायमूर्ति गवई ने मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी कृष्णकुमार द्वारा शुरू की गई नई परियोजनाओं की भी सराहना की। साथ ही उन्होंने चूड़ाचांदपुर में राहत शिविर में युवतियों द्वारा वी शैल ओवरकम… गाने की भी प्रशंसा की और उम्मीद जताई कि एक दिन यह सच होगा ।
