सुप्रीम कोर्ट के जज को कुकी-जो बहुल क्षेत्र जाने से न रोकें

सुप्रीम कोर्ट के जज को कुकी-जो बहुल क्षेत्र जाने से न रोकें
सुप्रीम कोर्ट के जज को कुकी-जो बहुल क्षेत्र जाने से न रोकें

इंफाल / चुराचांदपुर। ऑल मणिपुर बार एसोसिएशन (एएमबीए) ने चुराचांदपुर जिले अपने समकक्ष से सुप्रीम कोर्ट मैतेई न्यायाधीश को कुकी- जो बहुल क्षेत्र का दौरा करने से रोकने वाले अपने निर्देश को वापस लेने का आग्रह किया है। बता दें कि, न्यायमूर्ति बीआर गवई, सूर्यकांत, विक्रम नाथ, एमएम सुंदरेश, केवी विश्वनाथन और एन. कोटिश्वर सिंह समेत छह सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट प्रतिनिधिमंडल शनिवार को जातीय हिंसा से प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करने वाला है। वे इस यात्रा के दौरान चुराचांदपुर जिले में राहत सामग्री वितरित करेंगे । न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह मैतेई समुदाय से हैं। इस मामले में एएमबीए ने चुराचांदपुर जिला बार एसोसिएशन से न्यायाधीश  के दौरे का स्वागत करने का आग्रह किया है, इस बात पर जोर देते हुए कि यह राजनीति से प्रेरित नहीं है। एएमबीए की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए, चुराचांदपुर जिला बार एसोसिएशन ने कहा कि मैतेई जज को जिले में प्रवेश करने से रोकने वाला उसका नोटिस दुर्भावना से प्रेरित नहीं था, बल्कि जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया था। चुराचांदपुर में वकीलों के संगठन की अध्यक्ष ग्रेस चिनहोइहनियांग ने बताया कि मैतेई समुदाय, खासकर जजों के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं है। स्थिति ने हमें बयान जारी करने के लिए मजबूर किया। नागरिक निकायों ने दौरे के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था, और हमने किसी भी अवांछित घटना को रोकने के लिए निर्देश जारी किया। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से जज की सुरक्षा के लिए है। लोग भावुक हैं, और राज्य में चल रहे जातीय संकट को देखते हुए, तनाव बहुत अधिक है। एएमबीए की तरफ से यह अनुरोध चुराचांदपुर में मौजूद वकीलों के संगठन की तरफ से यह कहने के कुछ दिनों बाद आया है कि शांति और सार्वजनिक व्यवस्था के हित में मैतेई समुदाय के लोग हमारे जिले में कदम नहीं रखेंगे। एएमबीए के अध्यक्ष पुयम तोमचा मैतेई ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के जजों का दौरा ऐतिहासिक और अपनी तरह का पहला दौरा है। उन्होंने कहा कि एक कानूनी संस्था के रूप में, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुराचांदपुर जिला बार एसोसिएशन ने एक निर्देश जारी कर मैतेई जज को देश के अभिन्न अंग में प्रवेश करने से रोक दिया है। यहां तक कि अलग प्रशासन की मांग करने वाले राजनीतिक रूप से उन्मुख निकायों ने भी इस दौरे पर आपत्ति नहीं जताई है। उन्होंने कहा कि जजों का दौरा पूरी तरह से मानवीय आधार पर है, जिसका उद्देश्य राहत शिविरों में रहने वाले आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों की तरफ से सामना की जा रही कठिनाइयों का आकलन करना है। एएमबीए प्रमुख ने जोर देकर कहा कि इसका गर्मजोशी से स्वागत किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के मैतेई जज को चुराचांदपुर में प्रवेश करने से रोकने वाला निर्देश अनैतिक है। उन्होंने कहा कि हम उनसे निर्देश वापस लेने और दौरे को स्वीकार करने का आग्रह करते हैं ।

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