सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने रोकी चैंपियन एथलीट की शादी, खिलाडी बोली- एक दिन यह हकीकत होगी

सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने रोकी चैंपियन एथलीट की शादी, खिलाडी बोली- एक दिन यह हकीकत होगी

सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने रोकी चैंपियन एथलीट की शादी, खिलाडी बोली- एक दिन यह हकीकत होगी

नई दिल्ली। भारत की सबसे तेज महिला दुती चंद ने आशा व्यक्त की है कि समलैंगिक विवाह एक दिन वास्तविकता बन जाएगा। चंद ने समलैंगिक विवाह की वैधता पर शीर्ष अदालत के फैसले पर अपने विचार व्यक्त करते हुए यह टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से विशेष विवाह अधिनियम के तहत समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया, और फैसला सुनाया कि ऐसे मिलन को मान्य करने के लिए कानून में बदलाव करना संसद के दायरे में है। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने समान - लिंग वाले व्यक्तियों को एक साथ रहने से नहीं रोका है। चूंकि देश में समान लिंग वाले व्यक्तियों के बीच विवाह के लिए ऐसा कोई कानून नहीं है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप नहीं किया। चंद ने कहा, हम आशावादी हैं कि केंद्र सरकार और संसद निश्चित रूप से मामले पर विचार करेगी और भविष्य में समलैंगिक व्यक्तियों के बीच विवाह के लिए उचित कानून बनाएगी। दुती, जिन्हें यह बताने में कोई झिझक नहीं थी कि वह अपने साथी के साथ पांच साल से रिश्ते में थीं । उन्होंने कहा कि वे एक-दूसरे से प्यार करते हैं और उन्होंने साथ रहने और शादी करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि समान लिंग के बीच विवाह को शहरी-ग्रामीण, उच्च- निम्न, जाति, पंथ या धर्म के संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए । यह मानवता की समस्या है और सभी को जीवन में उचित अधिकार मिलना चाहिए। समलैंगिक विवाह को कानूनी दर्जा मिलने की आशा पर दुती ने कहा, क्या भारत में विधवा विवाह का ऐसा कोई प्रावधान था एक दिन देश में समलैंगिक विवाह की अनुमति दी जाएगी । सत्तारूढ़ बीजद से जुड़ी एक ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता मीरा परिदा ने कहा, समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सकारात्मक रूप से देखा जाना चाहिए । अदालत को ट्रांसजेंडरों के एक साथ रहने पर कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि विवाह एक मौलिक अधिकार नहीं है, लेकिन इसके अनुसार मैं उससे कुछ अधिक हूं। एलजीबीटीक्यू को भारत जैसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में शादी करने का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि सालों तक साथ रहने के बाद भी बीमा और पेंशन का लाभ नहीं मिल पाता है ।

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