सेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल दागी

सेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल दागी

सेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल दागी

- एक अन्य द्वीप पर रखे गए लक्ष्य पर मिसाइल ने लगाया सटीक निशाना - मिसाइल परीक्षण से दुश्मनों के लिए और अधिक मजबूत हुआ भारत नई दिल्ली, (हि.स.)। भारतीय सेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप में श- क्रवार को नई रेंज की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया । विस्तारित रेंज वाली ब्रह्मोस 450 किलोमीटर तक लक्ष्य को भेद सकती है। यह सफल परीक्षण सेना की ब्रह्मोस मिसाइल रेजिमेंट ने पिन प्वाइंट सटीकता के साथ किया । इसके लिए एक अन्य द्वीप पर लक्ष्य रखा गया था, जिसे मिसाइल ने सटीक निशाना बनाया। इस सफल मिसाइल परीक्षण से भारतीय सेना के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। साथ ही दुश्मनों के लिए भारत और अधिक मजबूत हो गया है। इससे पहले भारतीय सेना ने 10 अक्टूबर को 450 किमी. या उससे अधिक की दूरी पर लक्ष्य को मारने वाली ब्रह्मोस के संस्करण का परीक्षण किया था। आज हुए परीक्षण के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप में नो-फ्लाई जोन का सुझाव दिया गया था। भारत के लगातार सफल परीक्षण किये जाने से विरोधियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। दुनिया की सबसे तेज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के भूमि हमले संस्करण का पहला परीक्षण 24 नवम्बर, 2020 को भारतीय सेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से ही किया था। ब्रह्मोस के लैंड - लॉन्च, शिप-लॉन्च, सबमरीन लॉन्च एयर- लॉन्च वर्जन की टेस्टिंग हो चुकी है। ब्रह्मोस लैंड अटैक मिसाइल को चीन के खिलाफ लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में तैनात किया गया है । ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस कुछ सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब एयरबेस में तैनात हैं। भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से विकसित की गई ब्रह्मोस अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है, जिसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी बना दिया है । ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज 290 किमी. से बढ़ाकर 450 किमी. तक कर दी गई है और अब 1,000 किमी. की रेंज बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

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