13 को भेजा गया, असम में बचे बाकी बांग्लादेशियों को वापस भेजने पर विचार-विमर्श जारी

13 को भेजा गया, असम में बचे बाकी बांग्लादेशियों को वापस भेजने पर विचार-विमर्श जारी
13 को भेजा गया, असम में बचे बाकी बांग्लादेशियों को वापस भेजने पर विचार-विमर्श जारी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि अब तक 13 बांग्लादेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेज दिया गया है तथा असम के हिरासत केंद्रों में रह रहे शेष अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के लिए विचार-विमर्श जारी है। मामले की सुनवाई जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने की। केंद्र और असम सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष दलील दी कि सबसे पहले यह पता लगाना जरूरी है कि क्या ये बंदी बांग्लादेशी नागरिक हैं, इसलिए निर्वासन की प्रक्रिया में बांग्लादेश उच्चायोग को शामिल किया जाना चाहिए। मेहता ने कहा कि हिरासत में लिए गए विदेशियों की राष्ट्रीयता स्थिति सत्यापन प्रारूप विदेश मंत्रालय को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें तभी वापस भेजा जा सकता है जब बांग्लादेश इसके लिए सहमत हो । मेहता ने कहा कि अवैध विदेशियों की दो श्रेणियां हैं, पहली श्रेणी में वे लोग शामिल हैं जिन्हें गैर – भारतीय घोषित किया गया है, लेकिन उनकी राष्ट्रीयता ज्ञात है, तथा दूसरी श्रेणी में वे लोग शामिल हैं जिन्हें न्यायाधिकरण ने गैर- भारतीय घोषित किया है, लेकिन उनकी राष्ट्रीयता ज्ञात नहीं है । सर्वोच्च न्यायालय को बताया गया कि केंद्र सरकार राजनयिक प्रयास कर रही है और बांग्लादेश दूतावास के साथ विचार-विमर्श कर रही है ताकि पहले बंदियों को अपना नागरिक स्वीकार किया जा सके। मेहता ने कहा कि अगला कदम यात्रा दस्तावेज होंगे, जिन्हें बांग्लादेश लौटने के लिए संसाधित करना होगा । प्रस्तुतियां सुनने के बाद, पीठ ने केंद्र और असम सरकार को 30 अप्रैल तक अद्यतन स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय देने पर सहमति व्यक्त की। पीठ ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय को कुछ बंदियों की याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखने की अनुमति दे दी, जिन्होंने विदेशी न्यायाधिकरण के फैसले को चुनौती दी थी। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 6 मई को तय की है। सर्वोच्च न्यायालय ने फरवरी में असम सरकार को विदेशी घोषित किए गए लोगों को निर्वासित किए बिना अनिश्चित काल तक हिरासत केंद्रों में रखने के लिए फटकार लगाई थी और कहा था कि क्या वह किसी मुहूर्त का इंतजार कर रही है। इससे पहले, केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को अवगत कराया था कि असम में विदेशी घोषित किए गए व्यक्तियों के निर्वासन का मुद्दा उच्चतम कार्यकारी स्तर पर विचाराधीन है।सर्वोच्च न्यायालय असम में निर्वासन और हिरासत केंद्रों में सुविधाओं के पहलू से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रहा था

13 को भेजा गया, असम में बचे बाकी बांग्लादेशियों को वापस भेजने पर विचार-विमर्श जारी
13 को भेजा गया, असम में बचे बाकी बांग्लादेशियों को वापस भेजने पर विचार-विमर्श जारी
Skip to content