1987 के दंगों से संबंधित मामलों पर पुनर्विचार हो : सुखसागर सिंह

1987 के दंगों से संबंधित मामलों पर पुनर्विचार हो : सुखसागर सिंह

1987 के दंगों से संबंधित मामलों पर पुनर्विचार हो : सुखसागर सिंह

हिसार (हिंस ) । गुरुद्वारा श्री सिंह सभा, नागोरी गेट, हिसार के पूर्व अध्यक्ष एवं हरियाणा सरकार द्वारा गठित हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य स. सुखसागर ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग भारत सरकार के समक्ष वर्ष 1987 में हुए दंगों के दौरान हिसार, फतेहाबाद व अन्य जिलों में सिख समुदाय पर हुई आगजनी, हत्या व लूटपाट की घटनाओं के लिए पुनर्विचार याचिका लगाई है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार ने इतने बड़े पैमाने पर सिखों के साथ हुए अन्याय व भारी हिंसा के बावजूद इन्हें दंगा ही घोषित नहीं किया और इसे एक सामान्य घटना के रूप में लिया गया जो कि सिखों के साथ अन्याय है । वे शुक्रवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे । उन्होंने बताया कि यह सभी को मालूम है कि वर्ष 1987 में हरियाणा की जगहों पर अचानक दंगे शुरू हो गए, जिसके परिणामस्वरूप सिख धर्म में आस्था रखने वाले कई लोगों की मौत हो गई और उनकी संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ। दंगाइयों द्वारा भी और यह तथ्य बड़े पैमाने पर जनता को भी पता है। सरदार सुखसार ने बताया कि इन दंगों में हिसार शहर में सिख समुदाय की अनेक संस्थाओं व उनके घरों को नुकसान पहुंचाया गया व लूटपाट कर हत्याएं की गई। हालांकि शहर हिसार और आस-पास के इलाकों में भारी दंगा हुआ था । उन्होंने कहा कि इतने बड़े स्तर पर हिंसक घटनाओं के बावजूद भी पुलिस ने मामले की ठीक से जांच नहीं की और इसे गंभीर मामला नहीं मानते हुए इसे सामान्य तरीके से लिया ।

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