
नई दिल्ली
वित्त मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में बताया कि पिछले चार वर्षों में 90 लाख से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं, जिससे सरकार को 9, 118 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है। यह सरकार द्वारा शुरू की गई वॉलंटरी कंप्लायंस स्कीम की सफलता को दर्शाता है। वित्त मंत्रालय ने कम मूल्य वाले भीम यूपीआई लेनदेन योजना को मंजूरी दी है, जो छोटे व्यापारियों को डिजिटल भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने रुपये डेबिट कार्ड और भीम- यूपीआई लेनदेन के लिए एमडीआर शून्य किया है। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि करंट असेसमेंट ईयर (2024- 25) में 28 फरवरी तक करीब 464,000 अपडेटेड आईटीआर दाखिल किए गए हैं और 431.20 करोड़ रुपये का कर चुकाया गया है । सरकार ने फाइनेंस बिल 2025 के जरिए अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की समय सीमा को संबंधित असेसमेंट ईयर से चार साल तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है । असेसमेंट ईयर 2023-24 में 2.979 मिलियन से अधिक आईटीआर यू दाखिल किए गए और 2,947 करोड़ रुपये अतिरिक्त कर चुकाए गए।
असेसमेंट ईयर 2022-23 और वित्त वर्ष 2021-22 में क्रमश: 4.007 मिलियन और 1.724 मिलियन अपडेटेड आईटीआर दाखिल किए गए और अतिरिक्त 3,940 करोड़ रुपये और 1,799.76
सरकार को मिला 9,118 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व
करोड़ रुपये कर चुकाए गए। एक दूसरे सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कम मूल्य वाले भीम यूपीआई लेनदेन ( व्यक्ति से व्यापारी पी2एम) को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे दी है। यह कदम डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और छोटे व्यापारियों को यूपीआई अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के सरकार के लक्ष्य के अनुरूप उठाए गए हैं। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना वित्तीय समावेशन के लिए सरकार की रणनीति का एक अभिन्न अंग है । ग्राहकों, व्यापारियों को सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजिटल भुगतान उद्योग द्वारा किए गए व्यय को मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) के जरिए वसूला जाता है। मर्चेंट डिस्काउंट रेट एक शुल्क है जिसे व्यापारियों और अन्य व्यवसायों को डेबिट या क्रेडिट कार्ड लेनदेन पर पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनी को देना होगा। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि एमडीआर आमतौर पर लेनदेन राशि के प्रतिशत के रूप में आता है। आरबीआई के अनुसार, डेबिट कार्ड के लिए सभी कार्ड नेटवर्क पर लेनदेन मूल्य का 0.90 प्रतिशत तक का एमडीआर लागू है। एनपीसीआई के अनुसार, यूपीआई पी2एम (पर्सन टू मर्चेंट) लेनदेन के लिए 0.30 प्रतिशत तक का एमडीआर लागू है।
