अतीत में अतीक के साथ जो नेता जुड़े थे, कहीं उन्होंने तो दोनों भाइयों को खामोश नहीं करवा दिया? देश जब अपने लोकतंत्र की स्थापना के लिए संघर्ष कर रहा
प्रिंटिंग प्रेस में 100 रुपये दिहाड़ी पर की मजदूरी, खुद नहीं बन पाए तो खड़ी कर दी गौरव ने चैंपियन की फौज