एम्स्टर्डम (नीदरलैंड ) । अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने गुरुवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए हमास नेता मोहम्मद दियाब इब्राहिम अल-मसरी उर्फ मोहम्मद दीफ और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। अब इजरायल और उसके सहयोगी अमेरिका को छोड़कर 124 सदस्य देशों के हाथ में होगा कि वह इन गिरफ्तारी वारंट को लागू करें या नहीं। आईसीसी ने कहा कि इजरायल का इस अदालत के अधिकार क्षेत्र को स्वीकार करना आवश्यक नहीं है। यानी आईसीसी अपने फैसले को लागू कर सकता है, भले ही इजरायल इस अदालत की प्रक्रिया को न माने। आईसीसी के अभियोजक करीम खान ने मई में नेतन्याहू, गैलेंट, दीफ और दो अन्य हमास नेताओं इस्माइल हानिया और याह्या सिनवार के खिलाफ गिरफ्तार वारंट की मांग की थी। हालांकि, हानिया और सिनवार जैसे हमास के नेता अब मारे जा चुके हैं। आईसीसी के मुताबिक, दीप पर आरोप है कि उन्होंने हत्या, उत्पीड़न, यातना और दुष्कर्म जैसे मानवता के खिलाफ अपराध किए। वहीं, नेतन्याहू और गैलंट पर आरोप है कि उन्होंने भूख को युद्ध का तरीका बनाने और नागरिकों पर हमले करने जैसे युद्ध अपराध किए। हमास के हमलावरों न सात अक्तूबर 2023 को दक्षिण इजरायल पर हमला किया। इस हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए थे। साथ ही ढाई सौ से ज्यादा लोगों को गाजा में बंधक बना लिया गया था। इसके बाद इजरायल ने हमास को खत्म करने के लिए सैन्य अभियान शुरू किया, जिसमें अब तक 44 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इस फैसले पर इजरायल के राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग ने कहा कि आईसीसी का यह फैसला एक मजाक बन गया है। फैसला आतंकवाद के पक्ष में गया है। वहीं, फलस्तीनी नेता मुस्तफा बारघौती ने नेतन्याहू और गैलंट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट का स्वागत किया और आईसीसी से इजरायल के खिलाफ नरसंहार के मामले में जल्द फैसला लेने का अनुरोध किया ।

