पेपर लीक मामला : छात्र संगठनों ने शिक्षा मंत्री का इस्तीफा मांगा

पेपर लीक मामला : छात्र संगठनों ने शिक्षा मंत्री का इस्तीफा मांगा
पेपर लीक मामला : छात्र संगठनों ने शिक्षा मंत्री का इस्तीफा मांगा

गुवाहाटी। असम में 11वीं कक्षा की सभी परीक्षाएं रद्द कर दी गई है। ये फैसला विभिन्न स्थानों पर प्रश्नपत्र लीक होने की खबरें आने के बाद लिया गया है। राज्य शिक्षा मंत्री रनोज पेगु ने इस बात की जानकारी दी। बता दें, राज्य बोर्ड की 11वीं कक्षा की परीक्षाएं 6 से शुरू हुई थी और 29 मार्च तक होने वाली थी। राज्य के छात्र संगठनों नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), सत्र मुक्ति संग्राम समिति (एसएमएसएस) और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने मामले की उचित जांच की मांग की है। इसी के साथ राज्य के छात्र संगठनों ने असम सरकार की आलोचना करते हुए असम के शिक्षा मंत्री रनोज पेगु के इस्तीफे और राज्य बोर्ड के प्रमुख आरसी जैन को निलंबित करने की मांग भी की है। इससे पहले, असम राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड (एएसएसईबी) की 21 मार्च को होने वाली उच्चतर माध्यमिक प्रथम वर्ष की गणित की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया था, जिसके कारण अधिकारियों को परीक्षा रद्द करनी पड़ी। अधिकारियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उच्चतर माध्यमिक प्रथम वर्ष या कक्षा 11 की परीक्षाएं 6 मार्च को शुरू थीं और 29 मार्च तक जारी रहने वाली थीं। पेगु ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रश्नपत्र लीक होने और प्रोटोकॉल के उल्लंघन की खबरों के कारण शेष विषयों की एचएस प्रथम वर्ष की परीक्षा 2025 (24-29 मार्च तक निर्धारित) को रद्द कर दिया गया है। असम राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड (एएसएसईबी) के आधिकारिक आदेश को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि परीक्षाओं के नए कार्यक्रम के संबंध में आगे की कार्रवाई सोमवार को बोर्ड की बैठक में तय की जाएगी। मंत्री ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि राज्यभर में तीन सरकारी संस्थानों सहित 18 स्कूलों ने निर्धारित परीक्षा से एक दिन पहले सुरक्षा सील तोड़ दी थी जिससे गणित का प्रश्नपत्र लीक हो गया। उन्होंने कहा कि एएसएसईबी ने 11वीं कक्षा के गणित के प्रश्नपत्रों की सील निर्धारित समय से पहले तोड़े जाने और उनके लीक होने के कारण 10 जिलों के 15 निजी स्कूलों की संबद्धता निलंबित कर दी है। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इसी तरह नियमों का उल्लंघन करने वाले तीन अन्य स्कूलों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी। कांग्रेस की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने कहा कि पेपर लीक होना युवा पीढ़ी के भविष्य की रक्षा करने में सरकार की विफलता को दर्शाता है। एनएसयूआई की असम शाखा के अध्यक्ष कृष्णु बरुआ ने बताया कि पेपर लीक की लगातार घटनाओं के बावजूद प्रशासन ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। प्रश्नपत्र लीक होने के परिणाम विनाशकारी हैं। इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत करने वाले लाखों छात्र अनिश्चितता की स्थिति में हैं। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की राज्य सचिव संगीता दास ने आरोप लगाया कि हिमंत विश्व शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार में प्रश्नपत्र लीक होना आम बात हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि हमने प्रश्नपत्र रद्द किए जाने के विरोध में 2019 में भूख हड़ताल की थी और आरसी जैन के इस्तीफे की मांग की थी। सुधारों की बात तो छोड़िए, असम माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (एसईबीए) और परिषद को भंग कर दिया गया और एक बोर्ड का गठन कर दिया गया, लेकिन जैन के खिलाफ कोई जांच नहीं की गई। भ्रष्ट अधिकारी फिर से एएसएसईबी का अध्यक्ष बन गया। पिछले साल फरवरी में एसईबीए और असम उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद (एएचएसईसी) को मिलाकर एक नया निकाय असम राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड (एएसएसईबी) का गठन किया गया था। दास ने मांग की कि क्या शिक्षा मंत्री ऐसी गड़बड़ी की जिम्मेदारी लेंगे और इस्तीफा देंगे ? मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया जाना चाहिए और तब तक जैन को निलंबित कर दिया जाना चाहिए और पेगु को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। सत्र मुक्ति संग्राम समिति (एसएमएसएस) के महासचिव प्रांजल कलिता ने दावा किया कि असम सरकार परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में दुनिया में रिकॉर्ड बनाएगी। उन्होंने कहा कि हिमंत विश्व शर्मा जब शिक्षा मंत्री थे वह तब से असम के छात्रों के जीवन से खेल रहे हैं। अब वह मुख्यमंत्री बनकर भी यही कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री पेगु को अपनी विफलता स्वीकार करनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए। आसू के अध्यक्ष उत्पल शर्मा ने कहा कि गोपनीयता बनाए रखना किसी भी परीक्षा संस्थान का प्राथमिक कर्तव्य होता है, लेकिन एएसएसईबी परीक्षाओं का उचित संचालन करने में विफल रहा है। उन्होंने कहा कि हम उचित जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं। छात्रों को न्याय मिलना चाहिए।

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