
नई दिल्ली अचानक पैसों की जरूरत पड़ने पर निवेशकों के लिए म्युचुअल फंड्स बेचकर पैसों का इंतजाम करना एक आसान लगता है। लेकिन इसका एक बड़ा नुकसान भी देखा गया है। ऐसे में एक सरल और आसान विकल्प म्युचुअल फंड्स पर लोन लेना भी है। इसमें निवेशक को अपने म्युचुअल फंड्स बेचने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि वह उन्हें मॉर्गेज कर नकदी हासिल कर सकता है। यानी, म्युचुअल आपका निवेश भी बना रहता है और लांग टर्म वेल्थ क्रिएशन में कोई रुकावट नहीं आती फंड पर लोन लेकर आप न केवल अपनी जरूरत को पूरा कर सकते हैं, बल्कि आपका निवेश भी बना रहता है और लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन की राह में कोई रुकावट नहीं आती। म्युचुअल फंड पर लोन एक ऐसी सुविधा है, जिसमें निवेशक अपने म्युचुअल फंड यूनिट्स को गिरवी रखकर कर्ज ले सकते हैं। सेबी में एक रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार कहते हैं, जब भी पैसों की कमी होती है, खासकर शॉर्ट टर्म जरूरतों में, तब म्युचुअल फंड होल्डिंग्स पर लोन लिया जा सकता है। यह आपके म्युचुअल फंड यूनिट्स को रिडीम करने से कहीं बेहतर विकल्प है । म्युचुअल फंड में निवेश आमतौर पर लॉन्ग टर्म जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जाता है, इसलिए इन्हें छोटी अवधि की कैश जरूरतों के लिए रिडीम करना सही स्ट्रैटेजी नहीं है। ऐसी स्थितियों में म्युचुअल फंड पर लोन उठाना एक बेहतर प्रैटिकल सॉल्यूशन नजर आता है। इस तरह के फाइनेंस विकल्प पर ब्याज दर आमतौर पर क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन जैसे अन्य विकल्पों की तुलना में कम होती है, क्योंकि यह एक सुरक्षित लोन होता है जो आपके म्युचुअल फंड यूनिट्स को गिरवी रखकर लिया जाता है ।
